श्योपुर (Sheopur) : कूनो (Kuno National Park) में 3 शावकों का जन्म(awsome)

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Kuno National Park:नेशनल पार्क में मादा चीता ज्वाला ने तीन शावकों को जन्म दिया है। अब कुल 21 चीता हो गए हैं।

श्योपुर (Sheopur) :

मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क (Kuno National Park) में एक नामीबियाई चीता ने 3 शावकों को जन्म दिया है। इससे कुछ हफ्ते पहले एक अन्य चीता ने 3 शावकों को जन्म दिया था। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर इस खबर को पोस्ट करते हुए कहा, ‘कूनो के नए शावक! नामीबियाई चीता ज्वाला ने 3 शावकों को जन्म दिया है। इससे कुछ हफ्तों पहले नामीबियाई चीता आशा ने 3 शावकों को जन्म दिया था। अग्रिम मोर्चे पर काम करने वाले सभी वन्यजीव योद्धाओं और देशभर के वन्यजीव प्रेमियों को बधाई। भारत का वन्य जीवन समृद्ध हो।’

पिछले साल आए थे 4 नन्हें मेहमान

बता दें कि कूनो नेशनल पार्क के अधिकारियों ने 3 जनवरी को बताया था कि नामीबियाई चीता आशा ने 3 शावकों को जन्म दिया है। ज्वाला (नामीबियाई नाम सियाया) ने पिछले साल मार्च में भी 4 शावकों के जन्म दिया था। हालांकि, उनमें से केवल एक शावक ही जीवित बचा। ज्वाला और आशा वे चीता हैं जिन्हें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘प्रोजेक्ट चीता’ के तहत नामीबिया से भारत लाया गया था। इस परियोजना का उद्देश्य स्वतंत्र भारत में विलुप्त हुई इस बड़ी मांसाहारी प्रजाति की संख्या में वृद्धि करना है।

20 में से 7 चीतों की हो गई है मौत

भारत में सितंबर 2022 को 8 चीतों का पहला बैच लाया गया था। पिछले साल फरवरी में दक्षिण अफ्रीका से 12 चीतों का दूसरा बैच लाया गया था। नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से लाए गए 20 वयस्क चीतों में से 7 की मौत होने पर चीता संरक्षण परियोजना की तीखी आलोचना की गयी थी। अधिकारियों के मुताबिक, भारत में चीतों के निवास के पहले साल में आई सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक गर्मियों और मॉनसून के दौरान कुछ जानवरों में अप्रत्याशित रूप से सर्दियों से बचाव वाली फर की परत चढ़ना थी क्योंकि अफ्रीका में सर्दी जून से सितंबर में होती है जब भारत में यह गर्मी और मानसून का मौसम होता है।

‘कूनो नेशनल पार्क में हैं कुल 14 चीते’

एक अधिकारी ने बताया कि अत्यधिक गर्मी में फर की परत चढ़ने से चीतों की गर्दन में खरोंचे आयी और आखिकार उन्हें बैक्टीरिया संक्रमण और सेप्टिसीमिया हो गया जिससे 3 चीतों की मौत हो गई। केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय में अतिरिक्त वन महानिदेशक एसपी यादव ने पहले कहा था, ‘प्रोजेक्ट चीता के तहत मृत्यु दर अनुमानित सीमा के भीतर है। चीता एक्शन प्लान के अनुसार हमने करीब 50 फीसदी मृत्यु दर का अनुमान जताया था। अभी विदेश से लाए गए 14 चीता जीवित हैं, उसके अलावा भारतीय सरजमीं पर जन्मा एक शावक भी है।’

https://twitter.com/KunoNationalPrk

कैसे पहुंचे

पर्यटक ग्वालियर तक हवाई यात्रा करके पहुँच सकते हैं जो पार्क के तीन प्रवेश द्वारों , टिकटोली, अहिरा, पीपल बावड़ी, से निकटतम हवाई अड्डा है | 

टिक्टोली गेट: विभिन्न शहरों से टिकोली गेट की मुख्य सड़क दूरी (लगभग) नीचे बताए अनुसार:

शहरदूरी
शिवपुरी73 किलोमीटर
सवाई माधोपुर133 किलोमीटर
ग्वालियर165 किलोमीटर
झाँसी169 किलोमीटर
कोटा214 किलोमीटर
जयपुर325 किलोमीटर

अहेरा गेट: विभिन्न शहरों से अहेरा गेट की मुख्य सड़क दूरी (लगभग) नीचे बताए अनुसार:

शहरदूरी
शिवपुरी62 किलोमीटर
सवाई माधोपुर145 किलोमीटर
ग्वालियर158 किलोमीटर
झाँसी169 किलोमीटर
कोटा231 किलोमीटर
जयपुर337 किलोमीटर

पीपल बावड़ी गेट: विभिन्न शहरों से पीपल बावड़ी गेट की मुख्य सड़क दूरी (लगभग) नीचे बताए अनुसार:

शहरदूरी
शिवपुरी73 किलोमीटर
सवाई माधोपुर133 किलोमीटर
ग्वालियर158 किलोमीटर
झाँसी169 किलोमीटर
कोटा292 किलोमीटर
जयपुर378 किलोमीटर

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