ग्वालियर श्योपुर कोटा रेल से जुडी बड़ी खबर
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श्योपुर (Sheopur) :
– 3597 करोड़ है पूरे प्रोजेक्ट की लागत
बजट में राशि हुई आवंटित
यदि सब कुछ ठीक ठाक रहा तो अब नए वित्तीय वर्ष 2024-25 में श्योपुर से कोटा नई रेल लाइन बिछाने का काम भी शुरू हो सकता है क्योंकि केंद्र सरकार ने अंतरिम बजट में रेलवे की परियोजनाओं के लिए भी राशि जारी की है। जिसमें ग्वालियर श्योपुर आमान परिवर्तन कोटा तक विस्तारीकरण सहित के लिए 500 करोड़ रुपए आवंटित किए गए है।
यही वजह है कि अभी ग्वालियर-श्योपुर आमान परिवर्तन का तो काम चल रहा है, लेकिन श्योपुर से कोटा नई रेल लाइन विस्तारीकरण के लिए अभी सर्वे और डीपीआर का काम चल रहा है। ऐसे में बजट मिलने से नई लाइन का काम भी धरातल पर शुरू होने की सम्भावना है।
टाइमलाईन
– 2010 में स्वीकृत हुआ ग्वालियर-श्योपुर-कोटा रेल प्रोजेक्ट
– 2018-में शुरू हुआ प्रोजेक्ट का धरातल पर काम
– 2025 के मार्च तक श्योपुर- ग्वालियर के बीच रेल चलाने का लक्ष्य
श्योपुर-कोटा नई लाइन
– 94 किलोमीटर लंबाई श्योपुर-कोटा नई लाइन की
ग्वालियर-श्योपुर-कोटा रेल लाइन प्रोजेक्ट में श्योपुर से कोटा तक रेल लाइन बिछाने का काम के लिए अभी डीपीआर बनाने का काम चल रहा है। श्योपुर से कोटा (बारां-कोटा रेललाइन में दीगोद स्टेशन पर जुड़ेगी) की नई रेल लाइन की लंबाई 94 किलोमीटर होगी और इसमें 8 स्टेशन बनाए जाएंगे। जिसमें श्योपुर के स्टेशन के बाद कनापुर और खेड़ा दो स्टेशन श्योपुर जिले की सीमा में बनेंगे, जबकि पीपल्दा, गणेशगंज, दौलतपुरा, बड़ौदा, सुल्तानपुर और उम्मेदपुरा स्टेशन राजस्थान की सीमा में बनाए जाएंगे। विभागीय अधिकारियों के अनुसार इस परियोजना की डीपीआर बनाकर रेलवे प्रबंधन को सबमिट कर दी जाएगी।
ग्वालियर श्योपुर प्रोजेक्ट का काम
ग्वालियर-श्योपुर ब्रॉडगेज प्रोजेक्ट का काम भी तेज गति से चल रहा है। वर्तमान में जिले की सीमा में भी काम ने गति पकड़ ली है। लगभग 200 किलोमीटर लंबे इस ट्रेक पर मार्च 2025 तक ट्रैन करने की चलने की बात कही जा रही है। हालांकि वर्ष 2010 में ग्वालियर-श्योपुर ब्रॉडगेज प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी गई थी, लेकिन वर्ष 2018 में इसका काम धरातल पर शुरू हुआ है। इस प्रोजेक्ट के तहत ग्वालियर से श्योपुर तक नैरोगेज रेल लाइन का गेज परिवर्तन कर ब्रॉडगेज लाइन बिछाई जानी है। बताया गया है कि ग्वालियर से श्योपुर गेज परिवर्तन और श्योपुर से दीगोद (कोटा) नई रेल लाइन प्रोजेक्ट की कुल स्वीकृति लागत 3597 करोड़ 15 हजार रुपए की है।